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5. लिंग

5. लिंग 

लिंग (GENDER) 

लिंग संस्कृत भाषा का शब्द है। इसका अर्थ होता है-चिह्न या निशान। किसी संज्ञा का ही चिह्न या निशान होता है। अतः संज्ञा के जिस रूप से व्यक्ति या वस्तु की जाति का बोध हो उसे व्याकरण में ‘लिंग’ कहते हैं। हिन्दी में दो ही लिंग होते हैं-पुल्लिंग और स्त्रीलिंग। यो संस्कृत में तीन लिंग होते हैं- पुल्लिंग, स्त्रीलिंग, नपुसंकलिंग।  

1. पुलिग: पुलिंग से पुरुष जाति का बोध होता है। जैसे घोड़ा, घड़ा, तोता, प्रकाश, दांत, पहाड़, साग, पर्व, सोचा आदि।  

2. स्त्रीलिंग: स्त्रीलिंग से स्त्री जाति का बोध होता है। जैसे घोड़ी, हथिनी, सड़क, रोशनी, सौगात, दया, कृपा, मूंछ, नाक, कथा, बात, सीख आदि।  

अप्राणिवाचक शब्दों का लिंग मान लिया गया है। कुछ अप्राणिवाचक शब्द भी पुरुषवाचक होते हैं। जैसे-पेड़, गमला, फूल, बुढ़ापा, रास्ता, पहनावा, खे, मैदान, मकान, रूमाल, पौधा, साग, सागर, डमरू, धुंध, आदि।  

कुछ अप्राणिवाचक शब्द भी स्त्रीवाचक होते हैं। जैसे-किताब, चाय, खीर, दाल, कलम, चीज, हवा, नम्रता, सेवा, दुकान, बस, ससुराल, बर्फ, ईंट, नदी, आदि।  

प्राणिवाचक शब्दों का लिंग स्पष्ट है। अप्राणिवाचक शब्दों के लिंग-निर्णय में कठिनाई होती है_ परंतु ऐसे शब्द के साथ प्रयुक्त विशेषण, संबंध कारक के परसर्गों (का, के, की, ना, ने, नी, रा, रे, री) तथा क्रिया से इनके लिंग की पहचान हो जाती है। जैसे:  

लिंग-निर्णय 

(क) निम्नलिखित अवस्थाओं में संस्कृत के तत्सम शब्द पुल्लिंग होते हैं:  

1. जिन संज्ञाओं के अन्त में ‘त्र’ होता है, जैसे-पात्र, क्षेत्र, चित्र, नेत्र, शस्त्र, चरित्र आदि। 

2. ‘अन्त’ संज्ञाएं पुल्लिंग होती हैं, जैसे-वचन, नयन, पालन, पोषण, शमन-दमन आदि।  

अपवाद-पवन उभयलिंग है।  

3. जिनके अन्त में ‘ति’ अथवा ‘नि’ हो तो वे स्त्री लिंग होती हैं। जैसे-जाति, रीति, गति, मति, हानि, योनि, ग्लानि, बुद्धि, सिद्धि, ऋद्धि (सिध् + ति = सिद्धि) आदि।  

लिंग की पहचान-पुलिंग 

1. विशेषण द्वारा  

  

काला फूल 

छोटा घुंघरू  

चिकना भोजन 

पहला चुनाव  

लंबा पत्र 

लंबा छप्पर 

पीला मुकुट  

कड़ा दबाव  

पहला अन्न 

नया बीच 

नीला रूमाल 

तगड़ा जवाब  

नया चित्र  

बड़ा गमला  

गहरा संकट  

दूसरा धक्का  

चौड़ा मुख  

चिकना मलहम 

उजला फेन  

पुराना पहिया  

छोटा दीया  

हल्का झोंका  

छोटा तौलिया  

नीला जांघिया 

छोटा घूंघट  

सस्ता सामान 

लंबा जुलूस  

पीला तकिया  

2. संबंध कारक के परसर्गों द्वारा  

  

नदी का घाट 

गेहूं का बीज 

आप का हाल 

हमारा देश  

पैर का जख्म  

तोते का पंख  

पैसों का लालच 

तोते का गला  

सीप का मोती  

पैर का नख  

मूली का स्वाद 

रोटी का टुकड़ा 

बिच्छू का डंक 

घोड़े का बाल 

कुत्ते का कान 

तूफान का झटका 

सांप का दंश  

बथुए का साग  

हमारा मकान  

मिट्टी का मटका  

गाय का घी  

पान का दाग  

नीम का पौधा 

जंग का हाथी 

घडे़ का पानी  

गाय का दही  

हाथी का हौदा  

सेब का मुरब्बा  

ध्यान रखें: यहां बादवाली संज्ञा का ही लिंग निर्धारित हो रहा है।  

3. क्रिया द्वारा  

  

तबला बजेगा।  

चुनाव हुआ।  

मधु खरीदा गया 

अबीर लगाया गया।  

धुआं ऊपर उठा।  

शर्बत पिलाया गया।  

आईना हिल रहा है।  

तख्ता पलट गया।  

आशीर्वाद मिला। 

मेरा जी प्रसन्न हुआ।  

उत्साह बढ़ा।  

दरबार लगा हुआ है।  

उसने गीत लिखा।  

बादल छाया है।  

संवाद हुआ। 

मेरे घर साग पका।  

विकास हो रहा है।  

शोर हुआ।  

मकान बन रहे हैं।  

यात्रीगण चले गये।  

शहर बढ़ रहा है।  

ढोलक बजेगा।  

यह तारा चमक रहा है।  

बालू ढोया गया।  

लिंग की पहचान: स्त्रीलिंग 

1. विशेषण द्वारा  

  

अच्छी चीज 

पीली देह  

अच्छी आय  

नीली कमीज  

उजली रुई  

छोटी पूंछ  

चौड़ी पीठ 

काली भैंस  

काली मूंछ  

लंबी जीभ  

टेढ़ी राह  

पुरानी जगह  

खड़ी नाक  

नयी वस्तु  

मैली चादर  

लंबी-चौड़ी नहर  

थोड़ी-सी बात  

पतली सड़क  

नयी फसल  

ऊंची कीमत  

2. संबंध कारक के परसर्गों द्वारा  

  

कुत्ते की दुम  

अपनी कसम  

घोड़े की लगाम  

तुम्हारी कुशल  

काठ की तलवार  

आप की हालत  

लोहे की बंदूक  

गधे की टांग  

आप की परवाह  

अंग्रेजो की पोशाक 

आज की खबर  

यात्र की थकावट  

फूल की महक  

सब्जियों की मांग 

देश की दशा  

आग की लपट  

समुद्र की तरंग  

कमरे की सजावट 

मजदूरों की हड़ताल  

प्रकृति की सुषमा  

3. क्रिया द्वारा  

  

सरसों फूल रही है।  

यहां हलचल मची है।  

ग्रंथ दीमक चाट गयी।  

सौगात आयी है।  

हींग बिक रही है।  

गैस रिसती रहती है।  

पंचायत बैठेगी।  

मैंने बागडोर संभाली।  

अनाज में मिलावट हुई।  

उसने एक चाल चली।  

लालटेन जल रही है।  

अरहर उपज गयी।  

चाय बन रही है।  

खीर कब पकेगी।  

दाल बन गई।  

उसने डींग हांकी।  

गंध आ रही है।  

उनसे नजर मिली।  

सुबह होगी।  

फुरसत मिलेगी।  

 

पुलिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम 

1. आकारांत पुलिंग संज्ञा शब्दों में ‘ई’ प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है:  

  

पुलिंग 

स्त्रीलिंग  

पुलिंग 

 स्त्रीलिंग  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

लड़का 

लड़की  

पुत्र  

 पुत्री  

हिरन  

हिरनी  

मामा  

मामी  

चाचा  

 चाची 

दादा  

दादी  

बेटा  

बेटी  

मेढ़क  

 मेढ़की  

चेला  

चेली  

2. कभी-कभी ‘इया’ प्रत्यय लगाकर भी पुलिंग से स्त्रीलिंग बनाया जाता है:  

  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

पुलिंग  

 स्त्रीलिंग  

पुलिंग 

स्त्रीलिंग 

बेटा  

बिटिया  

खाट  

 खटिया  

कुत्ता  

कुतिया 

बूढ़ा  

बुढ़िया  

बंदर  

 बंदरिया  

बाछा 

बछिया 

चूहा  

चुहिया  

गुड्डा 

 गुड़िया  

हाट  

हटिया  

3. कुछ व्यवसायवालों के नामों में ‘इन’ प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है:  

  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

पुलिंग 

स्त्रीलिंग  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

अहीर  

अहीरिन  

कुम्हार 

कुम्हारिन  

सुनार  

सुनारिन  

माली  

मालिन  

तेल  

तेलिन 

डोम  

डोमिन  

4. कुछ पुलिंग शब्दों में ‘नी’ प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है।  

  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

पुलिंग 

स्त्रीलिंग  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

मोर  

मोरनी  

चोर  

चोरनी  

सियार 

सियारनी  

ऊंट 

ऊंटनी  

रीछ  

रीछनी  

सिंह  

सिंहनी  

शेर 

शेरनी  

सर्प  

सर्पिणी  

हाथी  

हथिनी  

5. वशवाले पुलिंग नामों में ‘आइन’ लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है।  

  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

पुलिंग 

स्त्रीलिंग  

पुलिंग 

स्त्रीलिंग  

दुबे  

दुबाइन  

चौबे  

चौबाइन  

लाला  

ललाइन  

पंडित  

पंडिताइन  

ठाकुर  

ठकुराइन  

बाबू  

बबुआइन  

मिसिर 

मिसिराइन  

सुकुल  

सुकुलाइन  

ठाकुर  

ठकुराइन  

6. कुछ पुलिंग शब्दों में ‘आनी’ लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है:  

  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग 

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

जेठ  

जेठानी  

देवर  

देवरानी  

नौकर  

नौकरानी  

सेठ  

सेठानी  

मेहतर  

मेहतरानी  

खत्री  

खत्रनी  

चौधरी  

चौधरानी  

इंद्र  

इंद्रानी  

शिव  

शिवानी  

ध्यान दें: ‘चौधरी’ का ‘चौधरानी’ के अलावा ‘चौधराइन’ भी बनता है। ‘नी’ लगाकर मास्टरनी, डाक्टरनी और ‘आनी’ लगाकर प्रोफेसरानी भी बनाया जाता है, परंतु ये मानक प्रयोग नहीं है।  

7. कुछ पुलिंग शब्दों में ‘इया’ लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है: 

  

पुलिंग 

स्त्रीलिंग  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

डिब्बा  

डिबिया  

लोटा  

लुटिया  

मचान  

मचिया  

खाट  

खटिया  

लठ 

लठिया  

मठ  

मठिया  

गागर  

गगरिया  

फोड़ा  

फुड़िया  

पुड्डा  

पुड़िया  

  

8. कुछ पुलिंग शब्दों में ‘इका’ प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाये जाते हैं:  

  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

पुलिंग 

स्त्रीलिंग 

शिक्षक 

शिक्षिक  

गायक  

गायिका  

लेखक  

लेखिका 

अध्यापक  

अध्यापिका  

नायक  

नायिका  

प्रकाशक  

प्रकाशिका  

संपादक  

संपादिका  

पाठक  

पाठिका  

संस्थापिका 

संस्थापक 

  

9. कुछ पुलिंग शब्दों के अंत में लगे ‘वान्’ या ‘मानू’ प्रत्ययों की जगह ‘वर्ती या ‘मती लगाकर स्त्रीलिंग बनाये जाते हैं:  

  

पुलिंग  

 स्त्रीलिंग  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग 

 पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

गुणवान्  

 गुणवती  

बलवान् 

बलवती  

 शीलवान  

शीलवती 

श्रीमान्  

 श्रीमती  

बुद्धिमान  

बुद्धिमती 

आयुष्मान् 

आयुष्मती 

धनवान  

 धनवती  

भाग्यवान  

भाग्यवती 

महान् 

महती 

10. कुछ अकारांत पुलिंग शब्दों में ‘आ’ की मात्र ‘ा’ लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है:  

  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग 

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

छात्र 

छात्र  

पात्र  

पात्र 

महाशय  

महाशया  

महोदय  

महोदया  

सुत  

सुता  

शूद्र  

शूद्रा  

पंडित  

पंडिता  

कोकिल  

कोकिला  

 

 

 

11. कुछ पुलिंग से स्त्रीलिंग शब्द अनियमिति होते हैं:  

  

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

पुलिंग 

स्त्रीलिंग 

पुलिंग  

स्त्रीलिंग  

पिता  

माता 

पति  

पत्नी  

मियां  

बीवी 

राजा  

रानी  

सम्राट्  

सम्राज्ञी 

नेता  

नेत्री  

विद्वान 

विदुषी 

कवि  

कवयित्री  

अभिनेता  

अभिनेत्री  

पुरुष  

स्त्री  

युवक  

युवती  

आचार्य  

आचार्यानी  

ससुर  

सास  

बैल  

गाय  

सभापति  

सभानेत्री  

भाई  

बहन  

भैया  

भाभी  

साधु  

साध्वी  

वर  

वधु 

 

 

 

 

12. कुछ प्राणीवाचक शब्द केवल स्त्रीलिंग में होते हैं:  

चिड़िया, कोयल, चील, दीमक, बटेर, मैना, तूती, गिलहरी, जोंक, तितली, मछली।  

13. कुछ शब्द ऐसे हैं जिनकी पुलिंग रूप नहीं होते। उनका प्रयोग हमेशा स्त्रीलिंग में ही होता है। जैसे:पुलिस, फौज, सरकार, नर्स, धाय, सेना आदि। 

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