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13. हर्षवर्धन

• हर्ष द्वारा आयोजित ‘कन्नौज सभा’ किसके सम्मान में की गई थी? 

-ह्नेनसांग  

• ‘रत्नावली’ किसकी रचना है? 

-हर्षवर्द्धन की  

• ‘हर्षचरित्’ जिसमें हर्ष के जीवन का वर्णन किया गया है, किसके द्वारा लिखा गया था  

-बाणभट्ट 

• हर्षवर्द्धन अपनी धार्मिक सभा कहां किया करता था? 

-प्रयाग में 

• हर्षवर्धन के समय में कौन-सा चीनी तीर्थयात्री भारत आया था? 

-ह्नेनसांग 

• हर्ष का राजकवि कौन था? 

-बाणभट्ट 

• बाणभट्ट किस सम्राट के राजदरबारी कवि थे? 

-हर्षवर्धन 

• हर्ष के समय की सूचनाएं किसकी पुस्तकों में निहित हैं 

-बाणभट्ट और कल्हण की 

• अन्तिम बौद्ध राजा कौन था जो संस्कृत का महान विद्वान और लेखक था? 

-हर्षवर्धन 

• चीनी यात्री ह्नेनसांग किसके शासनकाल में भारत भ्रमण किया था? 

-हर्षवर्धन  

• हर्ष के समय की सूचनाएं निहित हैं 

-बाणभट्ट की कृति हर्षचरित में 

• मौखरि शासकों की राजधानी थी  

-कन्नौज 

• हर्ष के साम्राज्य की राजधानी थी 

- कन्नौज 

• सम्राट हर्ष ने अपनी राजधानी थानेश्वर से कहां स्थानांतरित की 

- कन्नौज 

• सम्राट हर्षवर्धन ने दो महान धार्मिक सम्मेलनों का आयोजन किया था 

- कन्नौज तथा प्रयाग में 

• उत्तर प्रदेश में स्थित वह स्थल जहां हर्षवर्धन ने बौद्ध महासम्मेलन का आयोजन किया था 

-प्रयाग 

• नर्मदा नदी पर सम्राट हर्षवर्धन के दक्षिणवर्ती अग्रगमन को रोका 

- पुलकेशिन द्वितीय 

• हर्षवर्धन को किसने पराजित किया था? 

-पुलकेशिन द्वितीय 

• हर्ष के दरबार में ह्वेनसांग को एक दूत के रूप में भेजा 

- चीनी सम्राट ताई सुंग ने 

• चीनी यात्री ह्वेनसांग ने जिस विश्वविद्यालय में अध्ययन किया 

- नालंदा 

• ह्वेनसांग की भारत यात्र के समय सूती कपड़ों के उत्पादन के लिए सबसे प्रसिद्ध नगर था 

- मथुरा 

• कौशेय शब्द का प्रयोग किया गया  

-रेशम के लिए 

• आज भी भारत में ह्वेनसांग को याद करने का मुख्य कारण है 

- सी. यू. की की रचना के लिए 

• कवि बाण निवासी था 

- औरंगाबाद (बिहार) का 

• चीनी यात्री जिसने भीनमाल की यात्र की थी 

- ह्वेनसांग 

• चीनी यात्री इत्सिंग ने बिहार का भ्रमण किया  

- 673 ई. 

• चीनी लेखक भारत का उल्लेख किस नाम से करते हैं 

-यिन-तु 

• भारत में सबसे प्राचीन विहार  

-नालंदा 

• नालंदा कहां पर स्थित है 

-बिहार 

• नालंदा विश्वविद्यालय के विनाश का कारण था 

- बख्तियार खिलजी के नेतृत्व में मुस्लिम आक्रमण 

• धर्मशास्त्रें में भू-राजस्व की दर उल्लिखित है 

- 1/6 (उपज क छठा भाग) 

• गुप्तोत्तर युग में प्रमुख व्यापारिक केंद्र था 

- कन्नौज 

• सामंतवाद का विकास गुप्तोर काल की कृषक संरचना की प्रमुख विशेषता थी 

-क्योंकि, इस काल में भू-स्वामी मध्यस्थ वर्ग एवं आश्रित कृषक वर्ग अस्तित्व में आया। 

• भारतीय इतिहास के संदर्भ में सामंती व्यवस्था के अनिवार्य तत्व हैं   

-अत्यंत सशक्त केंद्रीय राजनीतिक सत्ता और अत्यंत दुर्बल प्रांतीय अथवा स्थानीय राजनीतिक  सत्ता 

-भूमि के नियंत्रण तथा स्वामित्व पर आधारित प्रशासनिक संरचना का उदय 

• हर्षवर्धन के काल में बलाधिकृत नामक अधिकारी होता था  

-पैदल सेना का प्रमुख 

• किस शासक को उसके दान देने के गुण के कारण हातिम के नाम से जाना जाता है  

-हर्षवर्धन 

• हर्ष का प्रमुख शत्रु शशांक किस वंश का शासक था 

-गौड़ वंश 

• ह्वेनसांग द्वारा भारत के सम्बन्ध में दिए गए कथनों में सत्य हैं  

-बौद्ध धर्म 18 सम्प्रदायों में विभाजित था। 

-समाज में सती प्रथा का प्रचलन था। 

-सैनिकों का पद अनुवांशिक था। 

• भारत की यात्र करने वाले चीनी यात्री युआन च्वांग (ह्वेनसांग) ने तत्कालीन भारत की सामान्य दशाओं और संस्कृति का वर्णन किया 

-सड़क और नदी मार्ग लूटमार से पूरी तरह सुरक्षित थे  

-जहां तक अपराधों के लिए दंड का प्रश्न है, अग्नि, जल व विष द्वारा सत्यपरीक्षा किया जाना ही किसी भी व्यक्ति की निर्दोषिता अथवा दोष के निर्णय के साधन थे।  

-व्यापारियों को नौघाटों और नौकों पर शुल्क देना पड़ता था। 

लेखक 

राजा 

रविकीर्ति 

पुलकेशिन द्वितीय 

भवभूति 

कन्नौज के यशोवर्मन  

हरिषेण 

समुद्रगुप्त 

दण्डी 

नरसिंहवर्मन 

 

संवत 

वर्ष 

कलि संवत्सर 

 3102 ई.पू. 

विक्रम संवत्सर 

 58 ई.पू. 

शक संवत्सर 

 78 ई. 

गुप्त/ वलभी संवत्सर 

 319 ई. 

 

विख्यात तीर्थस्थल 

अवस्थान 

टाबो मठ और मंदिर संकुल 

स्पीति घाटी 

लहोत्सव लाखांग मंदिर, नको 

किन्नौर 

अल्वी मंदिर संकुल 

लद्दाख 

 

शंकराचार्य 

• शंकराचार्य ने   

- भारत के विभिन्न क्षेत्रें में चारधाम स्थापित किए  

शृंगेरी 

कर्नाटक 

द्वारका 

गुजरात  

पुरी 

उड़ीसा  

ज्योतिर्मठ 

उत्तरांचल 

 

-उन्होंने बौद्ध तथा जैन धर्म के विस्तार पर रोक लगाई। 

-उन्होंने वेदांत का प्रसार किया। 

• आदिशंकर, जो बाद में शंकराचार्य बने, का जन्म हुआ था  

- कलादि, केरल में  

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