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12. गुप्त काल

राजनीतिक घटनाएं 

• गुप्त युग का प्रवर्तक कौन था? 

-श्रीगुप्त 

• गुप्त वंश ने शासन किया  

-319 ई. से लेकर 500 ई. तक 

• गुप्त राजवंश किस लिए प्रसिद्ध था? 

-साम्राज्यवाद 

• इलाहाबाद स्तंभ के शिलालेख में किसकी उपलब्धियाँ वर्णित हैं ? 

-समुद्रगुप्त  

• इलाहाबाद का अशोक स्तंभ किसके शासन के बारे में सूचना प्रदान करता है 

-समुद्रगुप्त के 

• प्रयाग प्रशस्ति किसके सैन्य अभियान के बारे में जानकारी देती है  

-समुद्रगुप्त 

• अपनी प्रसार की नीतियों के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहलाने वाला राजा है 

-समुद्रगुप्त 

• समुद्र गुप्त की प्रयाग प्रशस्ति का रचयिता कौन है 

-हरिषेण 

• प्रयाग स्तम्भ अभिलेख में किस शासक को ‘लिच्छवि दौहित्र’ सम्बोधित किया गया है 

-समुद्रगुप्त 

• गुप्तकालीन सिक्कों पर मिलने वाली उपाधि व्याध पराक्रम का सम्बन्ध है 

-समुद्रगुप्त से  

• ‘गुप्त’ राजा जिसने ‘विक्रमादित्य’ की पदवी ग्रहण की थी, वह था 

-चन्द्रगुप्त II 

• चन्द्रगुप्त द्वितीय और किस नाम से जाना जाता था  

-विक्रमादित्य 

• गुप्त वंश का प्रथम ‘महान’ सम्राट कौन था? 

-चन्द्रगुप्त प्रथम 

• वह गुप्त राजा जिसका एक अन्य नाम देवगुप्त था  

- चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य 

• प्रथम गुप्त शासक जिसने ‘परम भागवत’ की उपाधि धारण की  

- चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य 

• दिल्ली की कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद के प्रांगण में उन्नत प्रसिद्ध लौह-स्तंभ किसकी स्मृति में  

-चंद्र (संभवतः चंद्रगुप्त द्वितीय) 

• हुणों के आक्रमण से विचलित होने वाला राजवंश 

- गुप्त/ स्कंदगुप्त के शासनकाल में 

• ‘शक-विजेता’ किसे जाना जाता है 

- चंद्रगुप्त द्वितीय 

• गुप्त शासक जिसने हूणों पर विजय प्राप्त की  

- स्कंदगुप्त 

• गुप्त वंश का वह राजा कौन था जिसने हूणों को भारत पर आक्रमण करने से रोका? 

-स्कन्दगुप्त 

• किस अभिलेख से स्कन्दगुप्त के हूणों पर विजय की जानकारी प्राप्त होती है  

-जूनागढ़ 

• कौन सा राजवंश हूणों के आक्रमण से अत्यंत विचलित हुआ  

-गुप्त 

• हूणों  ने भारत पर आक्रमण किया था 

-स्कंदगुप्त के शासनकाल में 

• किस अभिलेख से ज्ञात होता है कि स्कंदगुप्त ने हूणों को पराजित किया था  

-भितरी स्तंभ-लेख 

• गुप्त वंश का अंतिम शासक कौन था?  

-विष्णुगुप्त 

• गुप्त साम्राज्य के पतन का कारण था  

-हूण आक्रमण 

-प्रशासन का सामंतीय ढांचा 

-उत्तरवर्ती गुप्तों का बौद्ध धर्म स्वीकार करना 

वाकाटक 

• किस शासक ने चार अश्वमेध यज्ञों का संपादन किया था 

-प्रवरसेन प्रथम 

हूण 

• तोरमाण किस जातीय दल का था 

-हूण 

प्रशासन 

• गुप्त सम्राट स्वयं के लिए किन अधिकारों का दावा करते थे  

-दैवीय 

• गुप्त प्रशासन था 

-विकेंद्रीकृत (विशेषकर सौराष्ट्र के प्रशासन में) 

• गुप्तशासकों ने विस्तारित किया 

-भूमिदान की परंपरा को 

• गुप्तकाल में ‘विषय’ का प्रयोग प्रशासन की किस ईकाई के लिए किया जाता था  

-जिला 

• पुण्ड्रवर्धन भुक्ति अवस्थित थी 

-उत्तर बंगाल में 

अर्थव्यवस्था 

• कौशेय शब्द का प्रयोग किया गया है  

- रेशम के लिए  

• गुप्तकाल में सर्वप्रथम सिक्के किसने जारी किए  

-चंद्रगुप्त प्रथम 

• गुप्त काल के चांदी के सिक्कों को क्या कहते थे?  

-रूप्यक 

• गुप्तकाल में किस धातु के सर्वाधिक सिक्के जारी किए गए? 

-सोना  

• गुप्त युग में भूमि राजस्व की दर थी  

- उपज का छठा भाग 

• धर्मशास्त्रें में भू-राजस्व की दर क्या है  

-1/6 

• हिन्दू विधि द्वारा मान्य कर कितना था  

-उपज का छठा भाग 

• गुप्त साम्राज्य द्वारा किन्हें कर रहित कृषि भूमि प्रदान की जाती थी 

-ब्राह्मणों को 

• प्राचीन भारत में सिंचाई कर को कहते थे 

- बिदकमागम 

• रोमन साम्राज्य के साथ भारत का व्यापार रोम पर किसके द्वारा आक्रमण के साथ समाप्त हो गया? 

-हूणों का 

• गुप्तकालीन स्वर्ण मुद्रा है  

- दीनार 

• गुप्तकाल में उत्तर भारतीय व्यापार संचालित होता था 

- ताम्रलिप्ति से 

• गुप्तकाल में गुजरात, बंगाल, दक्कन एवं तमिल राष्ट्र में स्थित केंद्र संबंधित थे 

- वस्त्र उत्पादन से 

• गुप्तकालीन रजत मुद्राओं को नाम दिया गया  

- रूपक 

• रजत सिक्के जारी करने वाला प्रथम गुप्त शासक था  

-चंद्रगुप्त द्वितीय 

• नगरों का क्रमिक पतन एक महत्वपूर्ण विशेषता है  

- गुप्त काल की 

• ईसा की तीसरी शताब्दी से, जबकि हूण आक्रमण से रोमन साम्राज्य समाप्त हो गया, भारतीय व्यापारी अधिकाधिक निर्भर हो गए 

- दक्षिण-पूर्व एशिया के व्यापार पर 

• किस अभिलेख से पता चलता है कि रेशम बुनकरों की श्रेणी लाट विषय से पश्चिमी मालवा चली गयी 

-मन्दसौर 

• गुप्त काल में बिना जोती गई जंगली भूमि को क्या कहते थे  

-‘अप्रहत’ 

• प्राचीन भारत में देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली ‘श्रेणी’ संगठन के संदर्भ में कौन सा कथन सही है  

-‘श्रेणी’ ही वेतन, काम करने के नियमों, मानकों और कीमतों को सुनिश्चित करती थी 

-‘श्रेणी’ का अपने सदस्यों पर न्यायिक अधिकार होता था 

• भारत ने दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ अपने आरंभिक सांस्कृतिक संपर्क तथा व्यापारिक संबंध बंगाल की खाड़ी के पार बना रखे थे 

-बंगाल की खाड़ी में चलने वाली मानसूनी हवाओं ने समुद्री यात्रओं को सुगम बना दिया था 

समाज 

• बाल विवाह की प्रथा आरंभ हुई  

- गुप्तकाल 

• सती प्रथा का प्रथम अभिलेखीय साक्ष्य प्राप्त हुआ है  

-एरण से 

धर्म 

• मंदिरों एवं ब्राह्मणों को सर्वाधिक ग्राम अनुदान में दिया  

- गुप्त शासकों ने 

वास्तुकला 

• नागर, द्रविड़ और बेसर हैं   

-भारतीय मंदिर वास्तु की तीन मुख्य शैलियां 

• भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में पंचायतन शब्द किसे निर्दिष्ट करता है  

-मंदिर रचना शैली 

• बुद्ध के महापरिनिर्वाण की एक भव्य प्रतिमा जिसमें ऊपर की ओर अनेकों दैवी संगीतज्ञ तथा नीचे की ओर उनके दुखी अनुयायी दर्शाए गए हैं 

-अजंता 

• प्रस्तर पर उत्कीर्ण विष्णु के वराह अवतार की विशाल प्रतिमा जिसमें वह देवी पृथ्वी को गहरे विक्षुब्ध सागर से उबारते दर्शाए गए हैं 

-उदयगिरि की गुफाएं (मध्य प्रदेश) 

• पश्चिमी भारत में प्राचीनतम् शैलकृत गुफाएं कहां हैं 

-नासिक, एलोरा और अजंता 

• बौद्ध गुफा मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है  

-अजंता 

गुप्त मंदिर 

स्थान 

ईंट निर्मित मंदिर 

भीतरगांव 

दशावतार मंदिर 

देवगढ़ 

शिव मंदिर 

भूमरा 

विष्णु मंदिर  

एरण 

 

चित्रकला 

• बुद्ध के महापरिनिर्वाण की एक भव्य प्रतिमा जिसमें ऊपर की ओर अनेकों दैवी संगीतज्ञ तथा नीचे की ओर उनके दुखी अनुयायी दर्शाए गए हैं 

-अजन्ता 

• अजन्ता की गुफाएं किससे संबंधित हैं 

-जातक कथाएं 

• प्राचीन भारत में गुप्तकाल से संबंधित गुफा चित्रंकन के केवल दो उदाहरण उपलब्ध हैं। इनमें से एक अजंता की गुफाओं में किया गया चित्रंकन है। गुप्तकाल के चित्रंकन का दूसरा अवशिष्ट किस स्थान पर उपलब्ध है 

-बाघ गुफाएं 

• अजंता की कला को किसने प्रश्रय (सहायता) दिया 

-वाकाटक 

• भित्ति चित्रकला के लिए जाने जाते हैं 

-अजंता की गुफाएं और लेपाक्षी मंदिर 

मूर्तिकला 

• नागर, द्राविड़ और बेसर हैं  

-भारतीय मंदिर वास्तु की तीन प्रमुख शैलियां 

• भूमि स्पर्श मुद्रा की सारनाथ बुद्ध मूर्ति संबंधित है  

- गुप्त काल से 

साहित्य 

• कवि कालीदास किसके राजकवि थे? 

-चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य 

• कालिदास थे  

- चंद्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में 

• गुप्त शासकों की सरकारी (दरबारी) भाषा क्या थी? 

-संस्कृत  

• भारतीय संस्कृति का ‘स्वर्ण युग’ था  

-गुप्त काल  

• हरिसेन किस राजा का राजकवि था ?  

-समुद्रगुप्त 

• फाहियान ने भारत की यात्र किस काल में की थी? 

-गुप्त काल में 

• ‘पंचतन्त्र’ कब लिखा गया था? 

-गुप्त काल में  

• चीनी यात्री फाहियान किस गुप्त शासक के शासन काल के दौरान भारत आया था  

-चन्द्रगुप्त द्वितीय 

• शूद्रक द्वारा लिखी गई प्राचीन भारतीय पुस्तक ‘मृच्छकटिकम’ का विषय था  

-एक धनी व्यापारी और एक गणिका की पुत्री की प्रेमगाथा 

• गुप्तकालीन संस्कृत नाटकों में स्त्री और शूद्र बोलते थे  

- प्राकृत 

• ‘अष्टांग हृदय’ नामक पुस्तक के रचयिता है  

-वाग्भट्ट 

• ‘किरातार्जुनियम’ नामक पुस्तक में विवरण है  

-शिव और अर्जुन के मध्य युद्ध का 

• स्वप्नवासवदत्ता नामक नाटक का रचयिता है  

-भास 

दर्शन 

• भारतीय दर्शनशास्त्र का सबसे महत्वपूर्ण और सबसे पुराना स्रोत कौन है? 

-वेद 

• भारत में आस्तिक और नास्तिक संप्रदायों में विभेदक लक्षण है  

- वेदों की प्रामाणिकता में आस्था 

• प्रस्थानत्रयी  

-उपनिषद, ब्रह्मसूत्र, भगवद्गीता 

• मोक्ष के साधन के रूप में जन्म, कर्म तथा भक्ति को समान महत्व देता है  

-भगवद्गीता 

• प्राचीन सांख्य दर्शन में किसका महत्वपूर्ण योगदान है  

-कपिल 

• कपिल मुनि द्वारा प्रतिपादित दार्शनिक प्रणाली है  

-सांख्य दर्शन 

• सांख्य स्वीकार करता है  

-पुनर्जन्म अथवा आत्मा के आवागमन के सिद्धांत को 

• सांख्य की मान्यता है कि 

-आत्मज्ञान ही मोक्ष की ओर ले जाता है न कि कोई बाह्य प्रभाव अथवा कारक 

• योग दर्शन के प्रमुख पथ प्रदर्शक थे 

-पतंजलि 

• योग के आविष्कारक थे  

-पतंजलि 

• योग दर्शन के प्रतिपादक हैं 

-पतंजलि 

• न्याय दर्शन के प्रवर्तक थे  

-गौतम 

• न्याय दर्शन को प्रचारित किया/ प्रवर्तक थे  

-गौतम ने 

• नव्य-न्याय संप्रदाय (स्कूल) के संस्थापक कौन थे 

-गंगेश 

• वैशेषिक मत के प्रतिपादक कौन थे  

-उलूक कणादि 

• मीमांसा के प्रणेता थे  

-जैमिनी 

• कर्म का सिद्धांत संबंधित है 

-मीमांसा से 

• मीमांसा के प्रणेता थे 

-जैमिनी 

• किस दर्शन का मत है कि वेद शाश्वत सत्य है 

-मीमांसा 

• भारतीय षड्दर्शन का भाग नहीं है  

-लोकायत और कापालिक 

• अद्वैत दर्शन के संस्थापक हैं 

-शंकराचार्य 

• अद्वैत दर्शन के मुख्य प्रतिपादक कौन थे  

-शंकराचार्य  

• भारत में भक्ति आन्दोलन के अग्रणी कौन थे? 

-शंकराचार्य 

• आठवीं सदी के संत शंकराचार्य ने  

-भारत के विभिन्न क्षेत्रें में चार धाम स्थापित किए 

-बौद्ध तथा जैन धर्मों के विस्तार पर रोक लगाई 

-वेदांत का प्रसार किया 

• आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठ 

-जोशीमठ, द्वारका, पुरी, शृंगेरी 

संवत 

• गुप्त संवत की स्थापना की  

-चंद्रगुप्त प्रथम ने  

• प्रसिद्ध गुप्त संवत् किस वर्ष से शुरू किया गया था? 

-319 ई.  

• गुप्त संवत की स्थापना की  

- चंद्रगुप्त प्रथम ने (319 ई.) 

शिक्षा 

• उत्तर-गुप्त युग में कौन-सा विश्वविद्यालय काफी प्रसिद्ध हो गया था? 

-नालंदा विश्वविद्यालय 

• भारत में नालंदा विश्वविद्यालय किस राज्य में स्थित है? 

-बिहार  

• प्राचीन भारतीय विश्वविद्यालय के अवशेष कहां स्थित हैं? 

-नालंदा में 

• भारत में 7वीं शताब्दी के प्राचीन विश्वविद्यालय की स्थापना कहाँ की गई थी  

-नालंदा में  

विज्ञान 

• गुप्त शासन के दौरान ऐसा व्यक्ति कौन था, जो एक महान् खगोल-विज्ञानी तथा गणितज्ञ था? 

-आर्यभट्ट 

• आर्यभट्ट और वराहमिहिर के सुविख्यात नाम किसके युग के साथ सम्बन्धित है? 

-गुप्त वंश 

• प्राचीन भारत के विख्यात चिकित्सक धन्वंतरि ने अपना परामर्श किसके दरबार में दिया था ?  

-चंद्रगुप्त द्वितीय 

• खगोल विज्ञान के भारतीय महाग्रन्थ ‘पंच सिद्धान्तिका’ के रचनाकार कौन हैं ? 

-वराहमिहिर  

• आयुर्वेद के वैद्य ‘चिकित्सा का भगवान’ किसे मानते है? 

-धन्वंतरि 

• गुप्तकाल में आयुर्विज्ञान संबंधी रचना के लिए जाना जाता है  

- सुश्रुत 

• प्राचीन काल के आयुर्वेद शास्त्र से संबद्ध है  

- धन्वंतरि, चरक, सुश्रुत 

• चंद्रगुप्त द्वितीय के नौ रत्नों में से जो फलित ज्योतिष से संबंधित था 

-क्षपणक 

• प्राचीनकालीन भारत में हुई वैज्ञानिक प्रगति के संदर्भ में कौन सा कथन सही है 

-प्रथम शती ई. में विभिन्न प्रकार के विशिष्ट शल्य औजारों का उपयोग आम था 

-पांचवी शती ई. में कोण के ज्या का सिद्धांत ज्ञात था 

-सातवीं शती ई. में चक्रीय चतुर्भुज का सिद्धांत ज्ञात था 

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