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11. हाइड्रोकार्बन

• अनुकारित आदिम भूमि परिस्थितियों में निम्नलिखित के प्रादुर्भाव का सही अनुक्रम कौन सा है ?  

- मेथेन , हाइड्रोजन सायनाइड , नाइट्राइल , एमीनो अम्ल  

• सभी जैव यौगिक का अनिवार्य मूल तत्व है  

- कार्बन  

• तत्त्व समूहों में से कौन- सा एक पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के लिए मूलतः उत्तरदायी था  

- कार्बन , हाइड्रोजन , नाइट्रोजन  

• हाइड्रोकार्बनों में अणुभारों के बढ़ते अनुक्रम के अनुसार कौन- सा सही क्रम है ?  

- मेथेन , एथेन , प्रोपेन और ब्यूटेन  

• प्रथम विश्वयुद्ध में निम्नलिखित में से किस एक का रासायनिक आयुध के रूप में प्रयोग किया गया था  

- मस्टर्ड गैस  

• मस्टर्ड गैस का उपयोग किया जाता है  

- रासायनिक युद्ध में  

• छपाई में प्रयोग की जाने वाली स्याही निम्नलिखित में से किसके अपघटन से प्राप्त होती है ?  

- मेथेन  

• निम्नलिखित में से किस उत्प्रेरक का उपयोग वनस्पति तेलों के हाइड्रोजनीकरण के लिए किया जाता है ?  

- निकिल  

• कौन- सा रसायन फल पकाने में सहायता करता है ?  

- इथेफॉन  

• कौन सा रसायन फल के लिए उपयोग में लाया जाता है ?  

- कैल्शियम कार्बाइड  

• गैस मिश्रणों में से कौन - सा गैस वेल्डिंग के लिए प्रयुक्त किया जाता है  

- ऑक्सीजन तथा एसीटिलीन एल्कोहल  

• एथिल एल्कोहल में किसको मिलाकर पीने के अयोग्य बनाया जाता है  

- मेथेनॉल एवं पिरीडीन  

• उन शराब त्रसदियों में जिनके परिणामस्वरूप अंधता आदि होती है , हानिकार पदार्थ है  

- मेथिल एल्कोहॉल  

• शक्कर के किण्वन से क्या बनता है  

- इथाइल एल्कोहल  

• शीरा (Molasses) किसके उत्पादन के लिए अति उत्तम कच्चा माल है ?  

- एल्कोहॉल  

• सभी जैव यौगिक का अनिवार्य मूल तत्व है ?  

- कार्बन  

•  ‘ वुड स्प्रिट ’ कहा जाता है  

- मिथाइल अल्कोहल  

  

  

कार्बन एवं उनके यौगिक 

मीथेन ( CH 4 )  

1. प्राकिृतक गैस के रूप में ईंधन में  

2. काला कार्बन बनाने में जिसका उपयोग छापाखाने में  

3. मिथाइल एल्कोहल बनाने में  

इथेन ( C 2 H 6 )  

1. गैसीय ईंधन के रूप में  

2. रेफ्रिजरेटर में  

इथिलीन ( C 2 H 4 )  

1. कच्चे फलों को पकाने व उनके संरक्षण में  

2. विषैली मस्टर्ड गैस बनाने में  

3. कृत्रिम रबर एवं पोलीथीन प्लास्टिक बनाने में  

एसीटीलीन ( C 2 H 2 )  

1. धातुओं को जोड़ने काटने के लिए ऑक्सीजन के साथ ऑक्सीऐसिटीलीन ज्वाला बनाने में  

2. निओप्रीन नामक कृत्रिम रबड़ बनाने में  

3. पोली  

- विनायल  

- क्लोराइड ( च्टब् )  

क्लोरोफार्म ( CHCI 3 )  

1. शल्य क्रिया में निश्चेतक के रुप में  

2. जन्तुओं व पौधों से प्राप्त पदार्थों के संरक्षण व सुगंधित पदार्थ के रूप में  

कार्बन टेट्रक्लोराइड ( CCI 4 )  

1. पाईरीन के नाम से यह अग्निशामक के रूप में  

2. औद्योगिक विलायक के रूप में  

3. कीटाणुनाशक के रूप में  

मिथाइल एल्कोहल ( CH 3 OH )  

1. गैसोलीन में 20 प्रतिशत मिथाईंल एल्कोहल मिलाकर ईंधन के रूप में  

2. इथाईल एल्कोहल में मिलाकर इथाईल एल्कोहल को अपेय बनाने में  

3. वार्निश एवं तेल उद्योग में विलायक के रुप में  

ईथाइल एल्कोहल ( C 2 H 5 OH )  

1. जैविक सूक्ष्म जीवों के संरक्षण में  

2. शराब एवं दवाओं में प्रयुक्त टिंचर बनाने में  

ईथर ( C 2 H 3 OH ) 2 O  

1. इथाईल एल्कोहल में मिलाकर इसे ईंधन के रूप में  

2. विलायक एवं शीतलक के रुप में  

ग्लिसरीन ( C 3 H 5 O )  

1. नाइट्रोग्लिसिरीन जैसे विस्फोटक बनाने में  

2. ठण्डे मरहम , श्रृंगार सामग्री बनाने में  

फार्मिक अम्ल ( HCOOH )  

1. फलों व रसों को सुरक्षित रखने में  

2. चमड़ा उद्योग व रबड़ उद्योग में रबर के स्कन्दन में  

एसीटिक अम्ल ( CH 3 COOH )  

1. सिरका ( टपदमहंत ) बनाने में  

2. औषधि एवं रंग बनाने में  

3. विलायक के रूप में  

ग्लूकोज ( C 6 H 12 O 6 )  

1. मुरब्बों व फलों के रस को सुरक्षित रखने में  

2. रोगियों के शक्ति  

- वर्धक के रूप में  

बेन्जोइक अम्ल ( C 6 H 5 COOH )  

1. भोज्य पदार्थों के संरक्षण में  

2. अनेक प्रकार की दवायें बनाने में  

फिनॉल ( C 6 H 5 OH )  

1. बेकेलाइट के निर्माण में  

2. जीवाणुनाशक के रूप में  

क्लोरोबेन्जीन ( C 6 H 5 CI )  

1. डी . डी . टी . ( कीटनाशी ) बनाने में  

2. फिनॉल के औद्योगिक उत्पादन में  

ब्लीचिंग पाउडर ( CaOCI 2 )  

1. रोगाणुनाशक के रूप में जल को शुद्ध करने में  

2. विरंजक के रूप में  

यूरिया [ CO(NH 2 ) 2 ]  

1. उर्वरक के रूप में  

2. नाइट्रोसेल्यूलोज जैसे विस्फोटक बनाने में  

बेन्जीन ( C 6 H 6 )  

1. तेल , वसा के विलायक के रूप में  

2. शुष्क धुलाई में  


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