भारतीय संविधान के प्रमुख अनुच्छेद
अध्याय -2: प्रशासनिक संबंध - साधारण
( अनु॰ 256-261)
256. | राज्यों की और संघ की बाध्यता |
257. | कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण |
258. | कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति |
260. | भारत के बाहर के राज्यक्षेत्रों के संबंध में संघ की अधिकारिता |
261. | स ार्वजनिक कार्य अभिलेख और न्यायिक कार्यवाहियाँ |
जल संबंधी विवाद
( अनु॰ 262)
262. | अंतर्राज्यिक नदियों या नदी - दूनों के जल संबंधी विवादों का न्यायनिर्णयन |
राज्यों के बीच समन्वय
( अनु॰ 263)
263. | अंर्तराज्यीय परिषद के संबंध में उपबंध |
भाग 12 वित्त , संपत्ति , संविदाएँ और वाद
( अनु॰ 264-300 । )
अध्याय -1: वित्त साधारण
( अनु॰ 264-267)
264. | निर्वचन |
265. | विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण किया जाना |
266. | भारत और राज्यों की संचित न िधियाँ और लोक लेखे |
267. | आकस्मिकता निधि |
संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण
( अनु॰ 268-281)
268. | संघ द्वारा उद्गृहीत किए जाने वाले संगृहीत और विनियोजित किए जाने वाले शुल्क |
269. | संघ द्वारा उद्गृहीत , संगृहीत किंतु राज्य को दिये जाने वाले कर |
270. | संघ द्वारा उद्गृहीत और संगृहित तथा संघ के बीच वितरित किए जाने वाले कर |
271. | कुछ शुल्कों और करों पर संघ के प्रंयोजनों के लिए अधिभार |
272. | कर जो संघ द्वारा उद्गृहीत किए जाने संघ और राज्यों के बीच वितरित किए जा सकेंगे |
273. | जूट पर और जूट उत्पादों पर निर्यात शुल्क के स्थान पर अनुदान |
274. | ऐसे कराधान पर , जिनमें राज्य हित डालने वाले विधेयकों के लिए राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश |
275. | कुछ राज्यों को संघ से अनुदान |
276. | वृत्तियों , व्यापारों , आजीविकाओं और नियोजनों पर कर |
277. | व्यावृत्ति |
279. | शुद्ध आगम’ आदि की गणना |
280. | वित्त आयोग |
281. | वित्त आयोग की सिफ़ारिशें |
प्रकीर्ण वित्तीय उपबंध
( अनु॰ 282-291 A )
282. | संघ या राज्य द्वारा अपने राजस्व से किए जाने वाले व्यय |
283. | संचित निधियों , आकस्मिकता निधियों और लोक लेखों में जमा धनराशियों की अभिरक्षा आदि |
284. | लोक सेवकों और न्यायालयों द्वारा प्राप्त वादकर्ताओं की जमा राशियाँ और अन्य धनराशियों की अभिरक्षा |
285. | संघ की संपत्ति को राज्य के करों से छूट |
286. | माल के क्रय या विक्रय पर कर के बारे में निर्बंधन |
287. | विद्युत पर करों से छूट |
288. | जल या विद्युत के संबंध में राज्यों द्वारा कराधान दशाओं में छूट |
289. | राज्यों की संपत्ति और आय को संघ के कराधान से छूट |
290. | कुछ व्ययों और पेंशनों के संबंध में समायोजन |
290-A | कुछ देवस्वम् निधियों को वार्षिक संदाय |
अध्याय -2: उधार लेना ( अनु॰ 292-293)
292. | भारत सरकार द्वारा उधार लेना |
293. | राज्यों द्वारा उधार लेना |
अध्याय -3: संपत्ति , संविदाएँ , अधिकार , दायित्व , बाध्यताएँ और वाद
( अनु॰ 294-300)
294. | कुछ दशाओं में संपत्ति , आस्तियों , अधिकारों , दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकारी |
295. | अन्य दशाओं में सम्पत्ति , आस्तियों , अधिकारों , दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकारी |
296. | राजगामी या व्यपगत या स्वामीविहीन होने से प्रोद्भूत संपत्ति |
297. | राज्यक्षेत्रीय सागर - खंड या महाद्वीपीय मग्नतट भूमि में स्थित मूल्यवान चीजों और अनन्य आर्थिक क्षेत्र के संपत्ति ड्डोतों का संघ में निहित होना |
298. | व्यापार करने आदि की शक्ति |
299. | संविदाएँ |
300. | वाद और कार्यवाहियाँ |
अध्याय -4: संपत्ति का अधिकार
( अनु॰ 300- A )
300-A | विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को संपत्ति से वंचित न किया जाना। |