भारतीय संविधान के प्रमुख अनुच्छेद
धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार ( अनु॰ 25-28)
25. | अंतःकरण की और धर्म के अबाध रूप से मानने , आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता |
26. | धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता |
27. | किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता |
28. | कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता |
संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार ( अनु॰ 29-30)
29. | अल्पसंख्यक - वर्गों के हितों का संरक्षण |
30. | शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक - वर्गों का अधिकार |
कुछ विधियों की व्यावृत्ति ( अनु॰ 31 A -31 C )
31- A | संपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति |
31- B | कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण |
31- C | कुछ निदेशक तत्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावृत्ति |
सांविधानिक उपचारों का अधिकार ( अनु॰ 32-35)
32. | इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार |
33. | इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का बलों आदि को लागू होने में उपांतरण करने की संसद की शक्ति |
34. | जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निर्बन्धन |
35. | इस भाग के उपबंधों को प्रभावी करने के लिए विधान |
भाग - 4: राज्य की नीति के निदेशक तत्व ( अनु॰ 36-51)
36. | परिभाषा |
37. | इस भाग में अंतर्विष्ट तत्वों का लागू होना |
38. | राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा। |
39. | राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्त्व |
39- A | समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता |
40. | ग्राम पंचायतों का संगठन |
41. | कुछ दशाओं में काम , शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार |
42. | काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओें का तथा प्रसूति सहायता का उपबंध |
43. | कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि |
43- A | उद्योगों के प्रबंध में कर्मकारों का भाग लेना |
44. | नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता |
45. | प्रारंभिक शैशवास्था की देखरेख 6 वर्ष से कम आयु के बालकों की शिक्षा का प्रावधान |
46. | अनुसूचित जातियों , अनुसूचित जनजातियों और अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृद्धि |
47. | पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्त्तव्य |
48. | कृषि और पशु पालन का संगठन |
48- A | पर्यावरण का संरक्षण तथा संबर्धन और वन , वन्य जीवों की रक्षा |
49. | राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों , स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण |
50. | कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण |
51. | अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि |
भाग -4 A : मूल कर्तव्य ( अनु॰ 51- A )
51- A मूल कर्तव्य : भारत के हर नागरिक का कर्त्तव्य होगा कि वह -
a. | संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों , संस्थाओं , राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र गान का आदर करे। |
b. | स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे। |
c. | भारत की प्रभुता , एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे। |
d. | देश की रक्षा करें और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे। |
e. | भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म , भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो , ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हैं। |
f. | हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे। |
g. | प्राकृतिक पर्यावरण की , जिसके अंतर्गत वन , झील , नदी और वन्य जीव हैं , रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणि मात्र के प्रति दया भाव रखे। |
h. | वैज्ञानिक दृष्टिकोण , मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास क रे। |
i. | सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे। |
j. | व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हु ए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊंचाइयों को टू ले। |
k. | जो माता - पिता अथवा संरक्षक हो वह , 6 से 14 वर्ष के बीच की आयु के यथास्थिति , अपने बच्चे अथवा प्रतिपाल्य को शिक्षा प्राप्त करने के अवसर प्रदान करेगा। |